उज्जैन के प्रमुख दार्शनिक मंदिर

उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिर

उज्जैन : उज्जैन या  उज्जयिनी भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे  बसा हुआ है | यह एक अत्यंत प्राचीन शहर है | यह महान  सम्राट विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी | भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल यही स्थित है इसीलिए इसे महाकाल की नगरी या कालिदास की नगरी भी कहा जाता है | यह हर 12 वर्ष पर सिंहस्त ( महाकुम्भ ) का मेला लगता है | उज्जैन का प्राचीन नाम अवन्तिका, उज्जयनी, कनकश्रन्गा आदि है| उज्जैन मंदिरों की नगरी है। यहाँ कई तीर्थ स्थल है। जहाँ बहुत से लोग कोने कोने से महाकाल मंदिर व उज्जैन में स्थित अन्य मंदिर जैसे चिंतामन गणेश, हरसिद्धि मंदिर आदि के दर्शन करने व् घुमने आते हैं | 


उज्जैन के प्रमुख मंदिर :-

1 - महाकालेश्वर मंदिर :- भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित, महाकालेश्वर भगवान का प्रमुख मंदिर है। पुराणोंमहाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं


में इस मंदिर का मनोहर वर्णन मिलता है। स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव की अत्यन्त पुण्यदायी महत्ता है। इसके दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है, ऐसी मान्यता है। महाकवि कालिदास ने मेघदूत में उज्जयिनी की चर्चा करते हुए इस मंदिर की प्रशंसा की है |
 

2 - देवी हरिसिद्धी मंदिर:- उज्जैन के दर्शनीय स्थल में दुसरा और अहम् स्थान देवी हरिसिद्धी मंदिर का है  
लोगों का मानना है कि भगवान शिव ने 
स्वयं  चंडी देवी को हरिसिद्धी का नाम दिया था. मान्यता है कि दक्ष प्राप्ति के यज्ञ कुंड से जब शंकर भगवान माँ सती को ले जा रहे थे तो सती माँ की कोहनी यहाँ गिर गई थी. इसलिए इसे 52 शक्तिपीठों में से एक माना गया है.

   एक मान्यता के अनुसार यहाँ के शासक राजा विक्रमादित्य को देवी द्वारा यह वरदान हासिल था कि उनके राज्य में यदि कोई दूसरा शासक आता है तो वह रात्रि में विश्राम नहीं कर सकेगा. इसलिए आज भी उज्जैन के प्रसिद्ध स्थल में कोई मुख्यमंत्री या अन्य शासक रात्रि में विश्राम के लिए नहीं ठहरता |

3 - मंगलनाथ मंदिर :- मंगलनाथ मंदिर उज्जैन के प्रसिद्धस्थल में से तीसरा प्रमुख तीर्थ स्थल है |कहा जाता है की इस स्थान पर भगवान शंकर के एक अंश के गिरने से मंगल गृह का जन्म हुआ था | वही कर्क रेखा भी इसी

मंदिर से होकर गुजरती है मंगल गृह पर शांति बनाए रखने के लिए यह हर साल विशेष पूजन किया जाता है  इस अति प्राचीन मंदिर के दर्शन करके भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है | यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है |

4. चिंतामन गणेश मंदिर  :- भगवान गणेश का चिंतामन गणेश मंदिर उज्जैन के दर्शनीय स्थल में से चौथा महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी भक्त जाता है, उसकी हर प्रकार की चिंताएं दूर हो

जाती है. भगवान शिव शंकर ने एक समय में गणेश जी को वरदान दिया था कि कोई भी शुभ कार्य गणेश भगवान के पूजन के बिना आरंभ नहीं किया जा सकता इसलिए इस मंदिर से गणेश भगवान के आशीर्वाद को ले कर ही यात्रा का प्रारंभ किया जाता है 

5. ईस्कॉन मंदिर :-राधा-कृष्ण की गवाही देता यह मंदिर बेहद आकर्षक है। यह स्थल कृष्ण, बलराम व सुदामा का शैक्षिक स्थान है इसलिए यहाँ कृष्ण भक्तों की बड़ी तादाद है। मंदिर सफ़ेद पत्थर से सुसज्जित है व इसके चारों तरफ हरी घासों का बगीचा है जो आँखों को ठंडक देता है। उज्जैन के फोटो में ये मंदिर अवश्य शामिल रहता है। मंदिर में राधा-कृष्ण की गोपियों के साथ व कृष्ण की बलराम के साथ अनोखी प्रतिमा स्थापित है। सुबह से शाम तक बजते हरे कृष्ण हरे राम के जाप आपको आनंदित कर देंगे।

6. रामघाट :- रामघाट उज्जैन मध्यप्रदेश में स्थित है क्षिप्रा नदी के किनारे स्नान के लिये कई घाट निर्मित है यह सबसे प्राचीन स्नान घाट है जिस पर कुम्भ मेले के दौरान भक्त जन स्नान करना अधिक

पसंद करते है रामघाट हरिसिद्धी मंदिर के समीप स्थित है | संध्या  के समय रामघाट पर क्षिप्रा जी की आरती का मनोरम दृश्य मन को मोह लेता है |

उज्जैन का जितना नाम हमारे देश में हैं उतना ही नाम देश विदेश में हैं उज्जैन में स्थित  महाकाल मंदिर के दर्शन के लिए लोग विदेशो से भी आते हैं | 

उज्जैन से जोडी कुछ जानने योग्य राज .....................|

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