उज्जैन से जुड़े कुछ राज व खास बाते |

1.क्यों कोई राजा या शासक उज्जैन में रात नहीं गुजारते ?

 उज्जैन :-  पौराणिक कथाओं और सिंघासन बत्तीसी के अनुसार राजा भोज के समय से ही कोई भी राजा उज्जैन में रात्रि निवास नहीं करता है। क्योंकि आज भी बाबा महाकाल ही उज्जैन के राजा हैं। महाकाल के उज्जैन में विराजमान होते हुए, कोई और राजा,मंत्री या जन प्रतिनिधि उज्जैन नगरी के भीतर रात में नहीं ठहर सकता है। यदि कोई भी राजा या मंत्री यहां रात गुज़ारने की कोशिश करता है, तो उसे इसकी सज़ा भुगतनी पड़ती है। या तो उसकी मृत्यु हो जाती या उसकी सल्तनत ध्वस्त हो जाती है | इस धारणा को सही ठहराते हुए कई ज्वलंत उदाहरण उज्जैन के इतिहास में उपस्थित हैं। 

मोरारजी देसाई
1 देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई जब महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद उज्जैन में एक रात रुके थे। तो मोरारजी देसाई की सरकार अगले ही दिन ध्वस्त हो गई।


2 उज्जैन में एक रात रुकने के बाद कर्नाटक के सीएम वाईएस येदियुरप्पा को 20 दिनों के भीतर इस्तीफा देना पड़ा।


2. क्यों महाकाल मंदिर के सामने से कोई दूल्हा घोड़ी से बारात नहीं निकालता ?

 महाकाल राजा:- पौराणिक मान्यता है कि उज्जैन के राजा बाबा महांकाल हैं, महाकाल मंदिर के आगे से कोई कोई दूल्हा घोड़ी चढ़कर बारात नहीं जाता कहा जाता है क्योकि लोगो का मानना हैं कि अगर कोई दूल्हा घोड़ी पर बेठ कर महाकाल मंदिर के सामने से बारात निकलता हैं तो इससे बाबा महाकाल का अपमान होंगा ईसी को ध्यान में रख कर कोई  दूल्हा घोड़ी पर बेठ कर महाकाल मंदिर के सामने से बारात नही निकाल सकता हैं, अगर बारात ले भी जाना होता हें तो दूल्हा घोड़ी से उतरकर बारात ले जाता है |

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